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परमेश्वर से मदद के लिए प्रार्थना 
यात्रा का गीत 
 1 संकट के समय मैंने यहोवा को पुकारा, 
और उसने मेरी सुन ली। 
 2 हे यहोवा, झूठ बोलनेवाले मुँह से 
और छली जीभ से मेरी रक्षा कर। 
 3 हे छली जीभ, 
तुझको क्या मिले? और तेरे साथ और क्या अधिक किया जाए? 
 4 वीर के नोकीले तीर 
और झाऊ के अंगारे! 
 5 हाय, हाय, क्योंकि मुझे मेशेक में परदेशी होकर रहना पड़ा 
और केदार के तम्बुओं में बसना पड़ा है! 
 6 बहुत समय से मुझ को मेल के बैरियों के साथ बसना पड़ा है। 
 7 मैं तो मेल चाहता हूँ; 
परन्तु मेरे बोलते* 120:7 मेरे बोलते: जब भी इसकी चर्चा करता हूँ, में जब भी अपनी दु:खित भावनाओं को व्यक्त करता हूँ, वे अनसुना करते हैं; उन्हें किसी बात से सन्तोष नहीं होता है। ही, वे लड़ना चाहते हैं! 
*120:7 120:7 मेरे बोलते: जब भी इसकी चर्चा करता हूँ, में जब भी अपनी दु:खित भावनाओं को व्यक्त करता हूँ, वे अनसुना करते हैं; उन्हें किसी बात से सन्तोष नहीं होता है।